भाई कन्हैया आश्रम के प्रयासों से गिरधारी लाल को मिला उसका परिवार
भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित भाई कन्हैया आश्रम में रह रहे गिरधारी लाल को उसके भाई और भतीजा जोधपुर से लेने के लिए भाई कन्हैया आश्रम पहुंचे। उन्होंने बताया कि गिरधारीलाल लगभग १० महीने पहले जोधपुर से गुम हो गया था। हमने उसको ढूंढने की बहुत कोशिश की पर वह नहीं मिला गिरधारी लाल के भतीजे वीरेंद्र सिंह ने विस्तार में बताते हुए बताया कि गिरधारी लाल मिलिट्री में भर्ती था लेकिन मानसिक रूप से बीमार होने के कारण वहां से छोड़ दिया गांव में रहने लगा उसकी सगाई हुई हुई थी लेकिन मानसिक रोग के कारण उसकी शादी नहीं हो सकी और उसके बाद वह अपने भाई के पास ही रहता था। भाई कन्हैया आश्रम का उन्होंने दिल से आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर भाई कन्हैया आश्रम के संचालक गुरविंद्र सिंह ने कहा कि हमारे देश में बहुत से लोग छोटी-छोटी बीमारियों से तंग आ जाते हैं और हर वक्त दुखी रहते हैं लेकिन जो मनोरोग हैं यह एक ऐसा रोग है जो कि आदमी की जिंदगी ही बदल देता है जिस तरह गिरधारी लाल को देश सेवा का मौका मिला लेकिन मनोरोग के कारण उन्हें सेवा छोडऩी पड़ी। उनकी शादी भी नहीं हो सकी। इसलिए हम सबको हौसला रखना चाहिए और छोटी-मोटी बीमारियों से घबराना नहीं चाहिए। मानसिक रोग बहुत एक तरह से खतरनाक बीमारी है और वक्त पर इसका इलाज करवाना चाहिए ताकि भविष्य में अच्छा जीवन व्यतीत कर सकें। इस अवसर पर ट्रस्ट के सेवादार गुरशरण सिंह कांलड़ा, ऋषि पाल जिंदल, रंजीव गर्ग, बलराज सिंह बाजवा व अन्य सेवादार उपस्थित थे