रामां मंडी 7 मई (तरसेम सिंगला) – आज गली-गली और गांव -गांव चिट्टा बेखौफ बिक रहा है और चिट्टे के दलदल में फंसकर जहां बड़ी संख्या में युवक-युवतियां अपनी
जिंदगियां बर्बाद कर रहे हैं वहीं इसके सेवन से रोजाना घरों के इकलौ चिराग बुझ रहे हैं। इस मामले में पत्रकारों से बात करते हुए लोक अधिकार लहर के कार्यकारी सदस्य गगनदीप सिंह बहनीवाल ने कहा कि चिट्टे की तस्करी और खपत को रोकने का काम वास्तव में सरकारों की पहुंच से बाहर हो गया है। प्रमान के तौर पर हर पांच बर्ष पश्चात विधानसभा और लोकसभा चुनाव में चिट्टे को रोकने के मुद्दे को सभी पार्टियों के प्रत्याशी मुख्य मुद्दा बनाते हैं, लेकिन सरकार बनने के बाद चिट्टे के धंधे को रोकने में नाकामी दिखाई जाती है। पहले शिरोमणि अकाली दल बीजेपी, फिर कांग्रेस और अब आप तीन सरकारों के शासनकाल में चिट्टे का धंधा इस कदर बढ़ गया है कि मौतों के साथ-साथ अपराध भी सारी सीमाएं पार कर गया है। आज चिट्टे नशे के आदी नशेड़ियों के खौफ से लोग अपने घरों के बाहर तो क्या अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं। श्री बहनीवाल ने कहा कि नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए पुलिस अधिकारियों द्वारा लोगों के साथ बैठके आयोजित करके नशा कारोबारियों के नाम उजागर करने वाले का नाम गोपनीय रखने की शर्त पर थाने को सूचना देने की गुहार भी लगाई जाती है, लेकिन कानून में सख्त सजा न होने के कारण नशे के कारोबारियों को सूचना देने वाले को बहुत ही गंभीर परिणाम भुगतने पड़े हैं, जिसके कारण लोग नशा तस्करों का नाम तो दुर जिक्र तक करने से डरते हैं। इससे भी बड़े आश्चर्य की बात है कि चिट्टे की तस्कर का धंधा कोई नामी तस्कर नहीं साधारण घरों के युवा ही कर रहे हैं। इससे भी बढ़कर हैरानी की बात यह है कि चिट्टे का सेवन करने वाले युवा स्थानीय सिविल अस्पताल में हर समय इधर-उधर घूमते देखे जा सकते हैं जिससे प्रशासन डरता है। उन्होंने मांग की कि नशे की लत पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम और कड़े कानून बनाने की जरूरत है और नशा करने वालों के साथ-साथ तस्करों व उनकी जमानत देने वालों पर भी शिकंजा कसा जाए।