चट्टोग्राम, बांग्लादेश:
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मंगलवार को चट्टोग्राम कोर्ट के बाहर उस समय हालात बेकाबू हो गए, जब पुलिस ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों ने उनकी गिरफ्तारी और जमानत नामंजूरी का विरोध किया था।
3 घंटे का संघर्ष, एक की मौत की आशंका
हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने अदालत परिसर को घेर लिया और जेल वैन को रोकने की कोशिश की। तीन घंटे के लंबे गतिरोध के बाद, पुलिस ने बल प्रयोग किया। एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर सामने आ रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
पुजारी की गिरफ्तारी और जमानत इनकार
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जो बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं, को सोमवार को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मंगलवार को चट्टोग्राम की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद, माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमले
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पहले से ही हमलों और हिंसा का सामना कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद हालात और खराब हो गए हैं। मंदिरों, घरों, और व्यवसायों पर हमले आम हो गए हैं। इस महीने की शुरुआत में चटगांव में अल्पसंख्यक अधिकारों की रैली में भाग लेने वाले 19 लोगों पर भी राजद्रोह का आरोप लगाया गया था।
अल्पसंख्यकों के लिए डर का माहौल
बांग्लादेश की 170 मिलियन की आबादी में 8 प्रतिशत हिंदू समुदाय के लोग लगातार डर और असुरक्षा के साए में जी रहे हैं। शेख हसीना के जाने के बाद से देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और दमन तेज हो गया है। मोहम्मद यूनुस की नई सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार इन हमलों को रोकने में विफल रही है।
हिंदू संगठनों की नाराजगी
चिन्मय दास की गिरफ्तारी और उनके समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई से हिंदू संगठनों में रोष है। उन्होंने इसे अल्पसंख्यक अधिकारों का दमन करार दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।