नई दिल्ली:
साल 2019 में रिलीज हुई पैन इंडिया सुपरस्टार प्रभास की फिल्म ‘साहो’ ने बड़े बजट और भव्य एक्शन सीक्वेंस के साथ दर्शकों का ध्यान खींचने की कोशिश की, लेकिन फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई। मेकर्स ने इस फिल्म पर 350 करोड़ का भारी-भरकम बजट खर्च किया, जिसमें सिर्फ एक 8 मिनट के एक्शन सीन के लिए 70 करोड़ रुपए फूंक डाले गए। यह किसी भी एक्शन सीन पर अब तक का सबसे बड़ा खर्च था, लेकिन इसके बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाका करने में नाकाम रही।
आईमैक्स कैमरों से शूटिंग और 100 फाइटर्स का बुलावा
‘साहो’ भारत की पहली फिल्म थी, जिसके हर शॉट को आईमैक्स कैमरों से शूट किया गया था। फिल्म को एक्शन थ्रिलर बनाने के लिए दुनियाभर से 100 फाइटर्स बुलाए गए थे। इतना ही नहीं, फिल्म में प्रभास के साथ बॉलीवुड की सुपरस्टार श्रद्धा कपूर की जोड़ी और दमदार सपोर्टिंग कास्ट में जैकी श्रॉफ, नील नितिन मुकेश, चंकी पांडे, मंदिरा बेदी, और मुरली शर्मा जैसे कलाकारों को शामिल किया गया। इसके बावजूद फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।
फ्लॉप हुई ‘साहो’: उम्मीदें टूटीं, कलेक्शन सीमित
‘बाहुबली’ की जबरदस्त सफलता के बाद यह प्रभास की पहली फिल्म थी, जिससे मेकर्स और दर्शकों को भारी उम्मीदें थीं। लेकिन यह फिल्म सिर्फ हिंदी बेल्ट में ही कुछ कमाई कर पाई, जबकि तेलुगु, तमिल, और मलयालम भाषाओं में यह बुरी तरह फ्लॉप हो गई। Sacnilk की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म का कुल कलेक्शन 451 करोड़ तक ही सीमित रह गया।
कहानी और निर्देशन की कमी
फिल्म को सजीत ने डायरेक्ट किया, लेकिन IMDb पर इसे सिर्फ 5/10 की रेटिंग मिली। दर्शकों का मानना था कि फिल्म की कहानी में दम नहीं था, और यह दर्शकों को बांधने में नाकाम रही। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर भी फिल्म हिंदी में उपलब्ध है, लेकिन यहां भी इसे उतनी सराहना नहीं मिली।
70 करोड़ का सवाल: क्या फ्लॉप होने से बच सकती थी ‘साहो’?
इतने बड़े बजट और भव्य एक्शन सीक्वेंस के बावजूद, ‘साहो’ का फ्लॉप होना यह सवाल खड़ा करता है कि क्या सिर्फ बड़े बजट और सितारों से ही फिल्में सफल हो सकती हैं? कहानी और निर्देशन के अभाव में प्रभास और श्रद्धा कपूर जैसे बड़े नाम भी फिल्म को बचा नहीं पाए।