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1 दिन में 60 सिगरेट पीते थे नाना पाटेकर! बेटे की मौत पर खुद को बताया ‘घिनौना आदमी’ – जानिए पूरा सच

NANA PATEKAR

नाना पाटेकर: एक दिन में पीते थे 60 सिगरेट, बेटे की मौत ने बदली जिंदगी

बॉलीवुड के वेटरन एक्टर नाना पाटेकर की इमेज एक बहुत ही संयमित और स्वस्थ लाइफस्टाइल फॉलो करने वाले एक्टर की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाना भी कभी सिगरेट के एडिक्शन से जूझ चुके हैं? हां, उन्होंने खुद खुलासा किया है कि वो दिन भर में 60 सिगरेट तक पी जाते थे।

### सिगरेट की लत और बहन की इमोशनल बात

नाना पाटेकर ने सिगरेट छोड़ने का कारण अपनी बहन की एक इमोशनल बात को बताया। नाना का बेटा, जिसका नाम दुर्वास था, केवल ढाई साल की उम्र में चल बसा। दुर्वास जन्म से ही कुछ कॉम्प्लिकेशन्स से जूझ रहा था, जिनमें कटे होंठ और एक आंख में तकलीफ शामिल थे।

नाना ने इस दर्दनाक अनुभव को याद करते हुए बताया, “मैं कितना घिनौना आदमी हूं कि उसको देखते ही मैंने पहले ये सोचा कि लोग क्या सोचेंगे कि नाना का बेटा कैसा है। उसे क्या लग रहा होगा, कैसा महसूस हो रहा होगा ये सोचा ही नहीं। मैंने सोचा लोग क्या सोचेंगे मेरे बेटे के बारे में। दुर्वास नाम था उसका। ढाई साल का होकर गुजरा वो। मगर क्या करें, कुछ चीजें हो जाती हैं जिंदगी में।”

### सिगरेट की लत से छुटकारा

नाना पाटेकर ने खुलासा किया कि उन्होंने कभी शराब बहुत ज्यादा नहीं पी, लेकिन एक वक्त उन्हें सिगरेट पीने की जबरदस्त लत थी। वो दिन भर में 60 सिगरेट तक पी जाते थे और यहां तक कि नहाते वक्त भी उनके एक हाथ में सिगरेट रहती थी।

नाना ने अपनी लत के बारे में बताते हुए कहा, “बहुत गंदी बात है ये। मेरी कार में भी कोई नहीं बैठता था क्योंकि बहुत गंदी बदबू आती थी। शराब कभी नहीं पी इतनी ज़्यादा मगर सिगरेट पी। फिर बहन ने देखा सिगरेट पीकर खांसते हुए।”

उनकी बहन ने एक दिन इमोशनल होकर कहा, “और क्या-क्या देखना है अभी मुझे?” इस इमोशनल बात ने नाना को झकझोर कर रख दिया। उन्होंने अगले दिन मन बनाया कि आज वो सिगरेट नहीं पिएंगे। इस तरह एक-एक दिन करते हुए five दिन गुजर गए, तो उन्होंने बहन को फोन करके बताया, “मैंने five दिन से सिगरेट नहीं पी।”

### 20 साल की जीत

नाना ने बताया कि आज भी वो सुबह उठकर सोचते हैं कि आज वो सिगरेट को हाथ नहीं लगाएंगे और इस तरह उन्हें 20 साल गुजर चुके हैं। उनकी यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो किसी न किसी लत से जूझ रहे हैं।

नाना पाटेकर की इस कहानी ने साबित कर दिया कि सही सोच और अपनों के प्यार से किसी भी लत पर विजय पाई जा सकती है। नाना पाटेकर ने खुद को और अपने परिवार को एक नई जिंदगी दी और अपनी बहन की इमोशनल बात ने उनके जीवन को एक नया मोड़ दिया।

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