**नई दिल्ली**:
महानायक अमिताभ बच्चन की विनम्रता और प्रोफेशनलिज्म का एक और उदाहरण सामने आया है। फिल्म ‘कल्कि 2898 AD’ के सेट पर शूटिंग के दौरान टॉयलेट जाने के लिए भी अमिताभ बच्चन ने डायरेक्टर नाग अश्विन की इजाजत मांगी। इस बात का खुलासा खुद डायरेक्टर ने किया, जिससे अमिताभ की विनम्रता की खूब तारीफ हो रही है।
**अमिताभ की विनम्रता का उदाहरण**
अपने ब्लॉग पर अमिताभ बच्चन ने इस बारे में लिखा, “यह उदाहरण पेश करने के लिए विनम्र होना नहीं है, यह एक बहुत ही सामान्य सी बात है। डायरेक्टर का कहना है कि यह एक बड़ी बात है कि मैंने शूटिंग के दौरान टॉयलेट जाने के लिए उनसे इजाजत मांगी। हां, मुझे इजाजत लेने की जरूरत है। यह उनका सेट है, उनका समय है, वे कैप्टन हैं, और मैं केवल एक कर्मचारी हूं जिसे काम पर रखा गया है। अगर मुझे टॉयलेट के
लिए जाना है तो मुझे उनकी इजाजत लेनी होगी।”
**डायरेक्टर की इजाजत क्यों जरूरी?**
अमिताभ बच्चन ने विस्तार से बताते हुए कहा कि डायरेक्टर को आखिरी समय में उनकी जरूरत पड़ सकती है और उन्हें पता होना चाहिए कि उनका आर्टिस्ट कहां है। उन्होंने लिखा, “उन्होंने शायद ऐसा शॉट डिजाइन किया हो जिसे ‘तुरंत’ शूट करने की जरूरत हो। उन्हें लाइटिंग के लिए मेरी जरूरत हो सकती है। उन्हें शायद यह चाहिए हो कि मैं अपने सहकर्मियों या सिर्फ मेरे साथ शॉट का अभ्यास करूं। जब कैप्टन प्रभारी होता है तो बहुत सी चीजें होती हैं। इसलिए मुझे सेट छोड़ने के लिए उनकी इजाजत लेनी होगी।”
**सेट पर अनुशासन और आदर का महत्व**
अमिताभ बच्चन ने यह भी कहा, “जब शॉट के लिए सेट तैयार था तो उन्होंने ही मुझे सेट पर बुलाया था। वे ही चाहते थे कि मैं उनकी फिल्म में काम करूं। मुझे उनकी बात और हुक्म का पालन करना होगा। और मैंने वैसा ही किया। तो फिर इतनी परेशानी किस बात की है।”
**निष्कर्ष**
अमिताभ बच्चन की इस विनम्रता और प्रोफेशनलिज्म ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे न केवल एक महान अभिनेता हैं बल्कि एक अनुशासित और आदरशील व्यक्ति भी हैं। उनके इस आचरण से युवाओं को सीख लेनी चाहिए कि सेट पर अनुशासन और आदर कितना महत्वपूर्ण है।