शिमला की आपदा: समेज गांव में मातम
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर के समेज गांव में रात 2 बजे बादल फटने से आई बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में एक ही परिवार के 16 लोगों के बह जाने का दर्दनाक मंजर बुजुर्ग बक्शी राम ने अपने कंपकंपाते शब्दों में बयां किया। गांव के बचे हुए लोग अब आस भरी नजरों से अपने परिजनों की तलाश कर रहे हैं और रेस्क्यू टीम पर निगाहें टिका रहे हैं।
खौफनाक रात की कहानी:
बुधवार रात को समेज गांव में अचानक बादल फटने से बाढ़ आई और पूरा गांव बह गया। बक्शी राम ने बताया कि इस घटना में उनके परिवार के 15-16 सदस्य लापता हो गए हैं। जब वे रामपुर गांव से समेज पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि सबकुछ खत्म हो चुका था।
केवल एक घर बचा:
रामपुर समेज की अनिता ने बताया कि उनके घर के अलावा पूरे गांव में कोई और घर नहीं बचा। उन्होंने कहा, “हम लोग रात भर गांव के भगवती मंदिर में थे। जब धमाका हुआ, तो पूरा गांव बह गया।”
बचाव कार्य जारी:
अधिकारियों ने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ, पुलिस और होमगार्ड की टीम के कुल 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से खोज अभियान में जुटे हैं। कुल्लू, मंडी और शिमला के विभिन्न इलाकों में बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री का दौरा और सहायता:
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समेज गांव का दौरा किया और पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की। साथ ही अगले तीन महीनों के लिए किराए के लिए 5,000 रुपये मासिक, गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं देने का आश्वासन भी दिया।