पूरा इंदौर गुरुवार को रामनवमी के जश्न में डूबा हुआ था. शहर के सबसे पुराने इलाकों में एक स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालु उमड़े हुए थे. सुबह के करीब 11:55 बजे रहे थे. मंदिर में राम जन्मोत्सव को लेकर हवन चल रहा था लेकिन जब लोग पूर्ण आहुति के लिए अपनी जगह पर खड़े हुए तो बड़ा हादसा हो गया. उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. दर्जनों लोग करीब 50 फुट गहरे गढ्ढे में गिर गए.
बाद में पता चला कि लोग जिसे जमीन मान रहे थे, वह एक बावड़ी की छत थी. मंदिर प्रशासन ने एक पुरानी बावड़ी को भरे बिना ही उसके ऊपर लिंटर डालकर उसे ढक दिया था. हादसे के बाद बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ-साथ सेना के जवानों की मदद ली गई.
इंदौर संभाग कमिश्नर पवन शर्मा ने बताया कि इस हादसे में अब तक 35 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. राहत कार्य अब भी जारी है. वहीं अब तक 18 लोगों को बचाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ के 15, एसडीआरएफ के 50 और आर्मी के 75 जवानों की टीम जुटी है.
हादसे का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे बावड़ी में फंसे लोगों को बचाने की कोशिश की है. वीडियो में दिख रहा है कि छत गिरने के बाद बावड़ी में फंसे लोग अपनी जान बचाने के लिए बावड़ी के किनारे बनीं सीढ़ियों पर चढ़ गए थे. इसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं. बचावकर्मी बावड़ी में सीढ़ियां डालकर, रस्सियों से बांधकर लोगों को बाहर निकाल रहे थे.
बावड़ी के पानी को निकाला गया
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक ओर जहां लोगों को बाहर निकालने की कोशिश हो रही थी. वहीं दूसरी बावड़ी के पानी को भी निकाला जा रहा था. इसके लिए मोटर पंप लगाए गए. इसके अलावा पानी और कीचड़ को भरने के लिए निगम के टैंकर भी मंगवाए गए.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूरी घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों को 50 हजार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है. घायलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. इसके अलावा पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की मदद की घोषणा की गई है.