हर साल बारिश के दौरान गुरुग्राम की सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति क्यों बन जाती है? क्या यह शहर की टोपोग्राफी की वजह से है या खराब ड्रेनेज सिस्टम का परिणाम? इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे 90 मीटर का ढलान, अव्यवस्थित शहरीकरण, और खराब ड्रेनेज सिस्टम ने गुरुग्राम को हर मानसून में जलभराव के संकट में डाल दिया है।
गुरुग्राम: मिलेनियम सिटी से ‘वाटरलॉग्ड सिटी’ तक
गुरुग्राम, जो कि एक समय साइबर सिटी के नाम से जाना जाता था, आज हर बारिश में जलजमाव के कारण बदनाम हो गया है। गुरुग्राम की स्थिति हर साल बिगड़ती जा रही है, और इसका कारण न केवल शहर की टोपोग्राफी बल्कि तेजी से हो रहे शहरीकरण और ड्रेनेज सिस्टम की खामियां भी हैं।
टोपोग्राफी और शहरीकरण: गुरुग्राम की दुर्दशा की असल वजह?
गुरुग्राम चारों ओर से अरावली की पहाड़ियों से घिरा है, और यह शहर इन पहाड़ियों से गिरने वाले पानी का प्राकृतिक बहाव सहन नहीं कर पाता। निचले इलाकों में जलभराव की समस्या आम हो गई है, क्योंकि तालाब और चेक डैम जो कभी पानी के बहाव को रोकने के लिए बने थे, अब शहरीकरण के चलते गायब हो गए हैं।
ड्रेनेज सिस्टम की खामियां: जलभराव का असली दोषी?
गुरुग्राम का ड्रेनेज सिस्टम न केवल पुराना बल्कि अव्यवस्थित भी है। शहर के कई हिस्सों में ड्रेनेज की क्षमता कम हो गई है, जिससे बारिश के दौरान पानी का बहाव अवरुद्ध हो जाता है।
क्या उपाय हो सकते हैं?
रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन इन्हें सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। यह आवश्यक है कि गुरुग्राम के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाए, ताकि आने वाले सालों में जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल सके।