उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बड़ा हादसा हुआ है, जहां एक तीन मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। यह हादसा जाकिर कॉलोनी की गली नंबर 6 में हुआ, जहां मकान के गिरने से 10 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए। प्रशासन और राहत दल तेजी से राहत कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन भारी बारिश और अंधेरा बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और फायर विभाग के साथ-साथ स्थानीय लोग भी मदद में जुटे हैं।
हादसे की पूरी जानकारी
मेरठ के जाकिर कॉलोनी क्षेत्र में तीन मंजिला इमारत के अचानक ढहने से क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और राहत दल ने दो लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाल लिया है, लेकिन अब भी आठ से दस लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
अधिकारियों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए राहत कार्य शुरू किया, लेकिन छोटी गलियों और लगातार हो रही हल्की बारिश के कारण बड़ी मशीनें घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे राहत कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।
स्थानीय लोगों की मदद
घटना के तुरंत बाद स्थानीय निवासियों का जमावड़ा लग गया, जो बचाव कार्य में प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मदद कर रहे हैं। घायलों को प्राथमिक चिकित्सा के लिए पास के अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर तुरंत संज्ञान लिया है और जिला प्रशासन को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से राहत कार्य में तेजी लाने और घायलों के समुचित इलाज का इंतजाम करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है और कहा है कि इस हादसे में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राहत कार्य में चुनौतियां
राहत कार्य में सबसे बड़ी चुनौती छोटी गलियों और बारिश की वजह से आ रही है। बड़ी मशीनें घटनास्थल तक पहुंचने में असमर्थ हैं, जिससे मलबा हटाने का काम धीमा हो रहा है। इसके अलावा अंधेरा भी रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट पैदा कर रहा है। हालांकि, प्रशासन ने बचाव कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन की लापरवाही को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। उनका कहना है कि जाकिर कॉलोनी में कई जर्जर इमारतें हैं, जिन्हें पहले से ही गिराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जब यह हादसा हुआ है, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया है।