नई दिल्ली:
संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में देशवासियों को संबोधित करते हुए भारतीय लोकतंत्र और संविधान की महिमा का गुणगान किया। पीएम मोदी ने संविधान सभा के सदस्यों को नमन करते हुए इस दिन को भारत के लिए गर्व और प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। इस मौके पर उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस के जश्न का उल्लेख करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया।
मुंबई हमले की बरसी का जिक्र: आतंकवाद को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 26/11 मुंबई हमले की बरसी का जिक्र किया और इस आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने जोर देकर कहा, “लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
संविधान में हर समस्या का समाधान
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का संविधान देश के हर वर्ग के लिए उम्मीद की किरण है। संविधान में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है। उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं के योगदान को याद करते हुए कहा, “हमारे संविधान ने हर चुनौती के समय हमें सही मार्ग दिखाया, चाहे वह इमरजेंसी का दौर हो या सामाजिक असमानता।”
जम्मू-कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस का आयोजन
पीएम मोदी ने गर्व से कहा कि इस वर्ष जम्मू-कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस मनाया गया। इसे भारतीय लोकतंत्र की जीत और एकता का प्रतीक बताया।
महिलाओं के लिए ऐतिहासिक पहल
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए पीएम ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र किया और इसे महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
संविधान की मूल प्रति में राम-सीता का चित्र
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान की मूल प्रति में श्री राम और माता सीता का चित्र है, जो भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान में हमारी जड़ों का सम्मान है, जो हमें एकजुट रखता है।”
सामाजिक और आर्थिक समानता की ओर बढ़ता भारत
पीएम ने पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि देश के 4 करोड़ लोगों को घर मिले हैं और 5 लाख रुपये तक का फ्री बीमा लोगों को राहत दे रहा है। उन्होंने डिजिटल क्रांति और वरिष्ठ नागरिकों को मिल रही सहूलियतों का भी जिक्र किया।
संविधान ने मुझे मेरे कर्तव्य की राह दिखाई
प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि संविधान ने उन्हें जो काम सौंपा है, उन्होंने उसी दायरे में रहते हुए काम किया है। उन्होंने कहा, “मैंने कभी किसी के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं किया।”
संविधान दिवस 2024: भारतीय लोकतंत्र का पर्व
इस संविधान दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन न केवल संविधान के प्रति सम्मान का प्रतीक था, बल्कि एक मजबूत, सशक्त और समृद्ध भारत के लिए उनकी प्रतिबद्धता का भी परिचय था।