हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा, जो राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए रणनीतिक कदम उठा रही है, जाट वोटर्स को लुभाने के लिए राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर विचार कर रही है। दोनों पार्टियों के बीच बातचीत अब अंतिम दौर में है, जिससे चुनावी समीकरणों में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
भाजपा-RLD गठबंधन: सीटों का समीकरण
जानकारी के अनुसार, RLD हरियाणा में चार सीटों की मांग कर रही है, जबकि भाजपा 1 या 2 सीट देने की पक्षधर है। यह गठबंधन जाट वोटर्स को साधने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जो हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अमित शाह की प्लानिंग: संभावित उम्मीदवारों की चर्चा
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की है, जिसमें हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
भाजपा की चुनावी रणनीति: सत्ता में वापसी की कोशिश
भाजपा हरियाणा में फिर से सत्ता में वापसी करना चाहती है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य में सिर्फ पांच सीटें मिली थीं, जबकि शेष सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। इसके अलावा, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन जजपा के साथ गठबंधन कर ही सरकार बना पाई थी। इस बार, भाजपा जाट वोटर्स को साधने और अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
गोपाल कांडा और विनोद शर्मा से संपर्क
भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हरियाणा के प्रभावशाली नेताओं गोपाल कांडा और विनोद शर्मा से भी संपर्क साधा है। इन नेताओं के साथ गठबंधन से भाजपा को राज्य में अधिक वोट बैंक हासिल करने की उम्मीद है।