जम्मू-कश्मीर के सुरनकोट से बीजेपी प्रत्याशी और पहाड़ी समुदाय के प्रभावशाली नेता सैयद मुश्ताक बुखारी का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। इस खबर ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर पैदा कर दी है। बुखारी फरवरी में ही बीजेपी में शामिल हुए थे और इससे पहले वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के कद्दावर नेता रह चुके थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण मोड़ देखे थे और दो बार पुंछ जिले के सुरनकोट से विधायक भी रहे थे।
सैयद मुश्ताक बुखारी का राजनीतिक करियर हमेशा विवादों और संघर्षों से भरा रहा। एक समय पर वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के करीबी माने जाते थे, लेकिन पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर अब्दुल्ला से मतभेद के चलते उन्होंने 2022 में नेशनल कॉन्फ्रेंस से चार दशक पुराना नाता तोड़ लिया। इसके बाद उन्होंने फरवरी 2024 में बीजेपी का दामन थामा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
उनके आकस्मिक निधन पर पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने सोशल मीडिया पर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “मुश्ताक बुखारी जी के असामयिक निधन से गहरा दुख पहुंचा है। वे एक बेहतरीन नेता और सच्चे जनसेवक थे। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकेगा।”
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बुखारी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं।
मुख्य बिंदु:
- पहाड़ी नेता सैयद मुश्ताक बुखारी का निधन
- दो बार विधायक रहे, फरवरी में बीजेपी में शामिल हुए थे
- दिल का दौरा पड़ने से निधन
- राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर